
How to Grow Periwinkle in Hindi: मेडागास्कर का मूल निवासी पेरीविंकल (विंका रोसिया) जिसको सदाबहार के नाम से भी जाना जाता है, अपने उल्लेखनीय औषधीय गुणों और सजावटी गुणों के कारण भारत में काफी लोकप्रिय हो गया है। यह मजबूत पौधा उपमहाद्वीप की विभिन्न जलवायु परिस्थितियों में पनपता है, जिससे यह किसानों और बागवानों दोनों के बीच एक लोकप्रिय विकल्प बन गया है।
अपने आकर्षक फूलों और पारंपरिक चिकित्सा, विशेष रूप से मधुमेह और कैंसर के उपचार में महत्वपूर्ण भूमिका के लिए जाना जाने वाला सदाबहार की खेती आर्थिक अवसर और कृषि संबंधी चुनौतियाँ दोनों प्रस्तुत करती है। जैसे-जैसे भारत स्थायी कृषि पद्धतियों की खोज और अपने औषधीय पादप उद्योग को बढ़ावा दे रहा है, उपज और गुणवत्ता को अधिकतम करने के लिए सदाबहार (Periwinkle) की खेती की बारीकियों को समझना जरूरी हो जाता है।
सदाबहार के लिए उपयुक्त जलवायु (Suitable Climate for Periwinkle)
सदाबहार गर्म, उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय जलवायु में पनपता है, जहाँ दिन के समय तापमान 75-85° F (24-30° C) और रात में 60° F (15° C) से अधिक होता है। व्यावसायिक खेती के लिए इसे कम से कम 100 सेमी या उससे अधिक की अच्छी तरह से वितरित वर्षा की आवश्यकता होती है, लेकिन इसे सिंचित क्षेत्रों में भी सफलतापूर्वक उगाया जा सकता है।
सदाबहार (Periwinkle) की फसल को 1300 मीटर की ऊँचाई तक उगाया जा सकता है और यह धूप वाले स्थानों को पसंद करता है, हालाँकि यह आंशिक छाया को भी सहन कर सकता है।
सदाबहार के लिए मृदा का चयन (Soil selection for periwinkle)
सदाबहार (Periwinkle) कई तरह की मिट्टी में पनपता है, लेकिन अच्छी जल निकासी वाली, गहरी रेतीली दोमट या मध्यम उर्वरता वाली दोमट मिट्टी व्यावसायिक खेती के लिए आदर्श होती है क्योंकि ये जड़ों के बेहतर विकास में सहायक होती हैं और कटाई को आसान बनाती हैं।
मिट्टी हल्की अम्लीय से लेकर उदासीन भी होनी चाहिए, जिसका आदर्श पीएच मान 6.0 से 7.5 के बीच हो। भारी, जलभराव वाली या अत्यधिक क्षारीय/लवणीय मिट्टी से बचें।
सदाबहार के लिए खेत की तैयारी (Field Preparation for Periwinkle)
सदाबहार (Periwinkle) की खेती के लिए खेत की तैयारी में, खेत की 3-4 गहरी जुताई करके खरपतवारों से मुक्त करना, अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी तैयार करना और जैविक खाद मिलाना शामिल है। सुनिश्चित करें कि मिट्टी में पानी अच्छी तरह से निकल जाए, और भारी मिट्टी में कम्पोस्ट या रेत से सुधारें।
आदर्श मिट्टी का पीएच मान 5.0 और 7.5 के बीच होता है। बहुत ज़्यादा उपजाऊ मिट्टी का इस्तेमाल करना जरूरी नहीं है, क्योंकि ज्यादा उपजाऊपन फूलों को प्रभावित कर सकता है, लेकिन कम्पोस्ट या गोबर की खाद की 1 इंच की परत फायदेमंद हो सकती है।
सदाबहार की उन्नत किस्में (Improved Periwinkles Varieties)
सदाबहार (Periwinkle) की उन्नत किस्मों में निर्मल और धवल (दोनों सफेद फूल वाली, उच्च पत्ती उपज के लिए जानी जाती हैं), लोचन (गुलाबी फूल वाली, विनब्लास्टाइन से भरपूर), और प्रबल (उच्च विन्क्रिस्टाइन सामग्री) शामिल हैं। सीआईएम-सुशील एक और विकसित किस्म है, जो लगातार उच्च मात्रा में विंडोलाइन देती है। सदाबहार की खेती के लिए उन्नत किस्मों का अधिक विवरण इस प्रकार है, जैसे-
औषधीय किस्में:-
निर्मल: सीआईएमएपी द्वारा विकसित एक सफेद फूल वाली किस्म जिसमें उच्च पत्ती उपज और एल्कलॉइड सामग्री होती है।
धवल: सीआईएमएपी की एक और सफेद फूल वाली किस्म, जो अच्छी अनुकूलनशीलता और उच्च एल्कलॉइड उपज के लिए जानी जाती है।
प्रबल: एक किस्म जिसमें विन्क्रिस्टाइन की मात्रा अधिक होती है, जो इसे औषधीय अनुप्रयोगों के लिए उपयुक्त बनाती है।
लोचन: एक गुलाबी फूल वाली सदाबहार (Periwinkle) की किस्म, जिसमें विनब्लास्टाइन की मात्रा अधिक होती है।
सीआईएम-सुशील: सीआईएमएपी द्वारा विकसित एक उच्च उपज देने वाली किस्म जो लगातार उच्च स्तर का विंडोलाइन जमा करती है, जो औद्योगिक उद्देश्यों के लिए उपयुक्त है।
सजावटी किस्में:-
कई सजावटी किस्में उपलब्ध हैं, जिनमें पैसिफिका श्रृंखला (जैसे पैसिफिका चेरी हेलो, पैसिफिका बरगंडी) और कोरा श्रृंखला (जैसे कोरा कैस्केड पोल्का डॉट, कोरा पंच) की किस्में शामिल हैं।
अन्य लोकप्रिय श्रृंखलाओं में टाइटन, विक्ट्री, फर्स्ट किस और हीट वेव शामिल हैं, जो रंगों और पैटर्न की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान करते हैं।
सदाबहार की बुवाई या रोपाई का समय (Sowing Time for Periwinkle)
सदाबहार (Periwinkle) की बुवाई या रोपाई का सबसे अच्छा समय जून-जुलाई या सितंबर-अक्टूबर है। सीधी बुवाई मानसून की शुरुआत (जून-जुलाई) में की जा सकती है, जबकि 45-60 दिन पुराने पौधों की रोपाई भी इन्हीं महीनों में या सितंबर-अक्टूबर के दौरान की जा सकती है। सीधी बुवाई के लिए, मानसून की शुरुआत में ही बीज बोना शुरू कर दें, जबकि रोपाई के लिए, मार्च से अप्रैल तक नर्सरी में पौधे उगाएँ।
सदाबहार के बीज की मात्रा और उपचार (Periwinkle Seed Quantity)
सदाबहार (Periwinkle) की खेती के लिए बीज की मात्रा सीधी बुवाई के लिए प्रति हेक्टेयर 2.5 किलोग्राम और रोपाई के लिए प्रति हेक्टेयर 0.5 किलोग्राम (500 ग्राम) होती है। इसके अतिरिक्त, 50 वर्ग फुट क्षेत्र के लिए लगभग 2,000 बीजों की आवश्यकता हो सकती है।
सीधी बुवाई के लिए, छोटे बीजों को रेत में मिलाकर समान वितरण सुनिश्चित करें। रोपाई के लिए, नर्सरी क्यारी में बीज बोएँ और 45-60 दिन पुराने पौधों को मुख्य खेत में रोपें। पेरीविंकल के बीज उपचार के लिए किसी विशेष रासायनिक उपचार की आवश्यकता नहीं होती है।
सदाबहार के लिए प्रवर्धन की विधि (Methods of Propagation for Periwinkle)
सदाबहार का प्रसार बीजों या वानस्पतिक कलमों द्वारा होता है। बीज प्रसार के लिए, नर्सरी क्यारी में या सीधे खेत में बीज बोएँ और फिर 4-6 सप्ताह बाद पौध की रोपाई करें। कलमों के लिए, किसी स्वस्थ पौधे से 5-8 सेमी लंबी नोक वाली कलम लें, जड़ निर्माण हार्मोन से उपचारित करें और अच्छी जल निकासी वाले माध्यम में रोपें। सदाबहार (Periwinkle) के पौधे तैयार करने की विधियों का अधिक विवरण इस प्रकार है, जैसे-
बीज द्वारा प्रसार:-
नर्सरी बुवाई: बीजों को सर्दियों के अंत में या बसंत की शुरुआत में बीज-रोपण मिश्रण में घर के अंदर बोएँ, उन्हें मिट्टी में धीरे से दबाएँ, और मिट्टी को नम और गर्म रखें। आप सीधे नर्सरी क्यारियों में भी बो सकते हैं।
सीधी बुवाई: बरसात के मौसम (जून-जुलाई) में बीजों को सीधे खेत में बिखेर दें और उन्हें हल्के से मिट्टी से ढक दें। आसान संचालन और समान वितरण के लिए बीजों को रेत या नीम की खली के साथ मिलाएँ।
रोपण: जब सदाबहार (Periwinkle) के पौधे 45-60 दिन के हो जाएँ या उनमें कई असली पत्तियाँ आ जाएँ, तो उन्हें मुख्य खेत में रोपा जा सकता है। उचित दूरी सुनिश्चित करें (उदाहरण के लिए, 45 सेमी x 20 सेमी)।
कटिंग (वानस्पतिक प्रवर्धन):-
कटिंग लें: सदाबहार (Periwinkle) पौधे के बिना फूल वाले हिस्से से स्वस्थ, 5-8 सेमी लंबे सिरे वाली कटिंग चुनें।
कटिंग तैयार करें: कटिंग को काटें और जड़ों की वृद्धि को बढ़ावा देने और रोगों से बचाव के लिए कटे हुए सिरे को रूटिंग हार्मोन में डुबोएँ।
कटिंग लगाएँ: कटिंग को अच्छी जल निकासी वाले मिश्रण (जैसे रेत या कोको पीट) के साथ रखें। मिट्टी को नम रखने के लिए नियमित रूप से पानी दें, लेकिन जलभराव न हो।
जड़ विकास: जड़ें लगभग 3-4 हफ्तों में विकसित हो जानी चाहिए। एक बार स्थापित होने के बाद, कटिंग को परिपक्व पौधों की तरह माना जा सकता है या अधिक उपजाऊ मिट्टी वाले गमलों में प्रत्यारोपित किया जा सकता है।
सदाबहार के लिए रोपण की विधि (Planting Method for Periwinkle)
सदाबहार (Periwinkle) को सीधी बुवाई या पौध रोपण द्वारा लगाया जा सकता है, इसके लिए सबसे अच्छा समय मानसून की शुरुआत (जून-जुलाई) या सितंबर-अक्टूबर है। सीधी बुवाई के लिए, बीजों को रेत में मिलाकर समान रूप से फैलाएँ और 45 सेमी की दूरी पर पंक्तियों में रोपें। रोपाई के लिए, दो महीने पहले नर्सरी में बीज बोएँ, फिर पौधों को 45 सेमी x 30 सेमी की दूरी पर मुख्य खेत में लगाएँ।
सदाबहार में खाद और उर्वरक (Manure and fertilizer in periwinkle)
सदाबहार की खेती में, खेत की तैयारी के समय 10-25 टन प्रति हेक्टेयर अच्छी सड़ी हुई गोबर की खाद मिलाएं। रोपाई के समय, 20:50:75 किग्रा प्रति हेक्टेयर के एनपीके के अनुपात में मूल खुराक दें और रोपाई के 2 महीने बाद, अतिरिक्त 50 किग्रा नाइट्रोजन टॉप ड्रेसिंग के रूप में डालें। सदाबहार (Periwinkle) की खेती में खाद और उर्वरक की मात्रा पर अधिक विवरण इस प्रकार है, जैसे-
बुनियादी खुराक: गोबर की खाद, 10-25 टन प्रति हेक्टेयर, जो अच्छी तरह सड़ी हुई हो। इसे मिट्टी तैयार करते समय मिलाना चाहिए। रासायनिक उर्वरक, बुवाई या रोपाई के समय 20 किग्रा नाइट्रोजन, 50 किग्रा फॉस्फोरस और 75 किग्रा पोटाश प्रति हेक्टेयर दें।
टॉप-ड्रेसिंग: रोपाई के लगभग 2 महीने बाद, अतिरिक्त 50 किग्रा नाइट्रोजन टॉप ड्रेसिंग के रूप में दें। कुछ स्रोतों के अनुसार, आप हर 30 दिनों में एक बार थोड़ी मात्रा में गोबर की खाद या कम्पोस्ट भी डाल सकते हैं, जिससे फूल आते रहेंगे।
विशेष: रासायनिक उर्वरकों की सटीक मात्रा मिट्टी के परीक्षण के आधार पर निर्धारित की जानी चाहिए।
सदाबहार में सिंचाई प्रबंधन (Irrigation Management in Periwinkle)
सदाबहार (Periwinkle) की सिंचाई के प्रबंधन में शुरुआत में हल्की और नियमित सिंचाई करें ताकि जड़ें अच्छे से स्थापित हो सकें। जब पौधा स्थापित हो जाए, तो सिंचाई की मात्रा कम करें, क्योंकि यह पौधा सूखा-सहिष्णु होता है और अधिक पानी से इसकी जड़ें सड़ सकती हैं। वर्षा-आधारित खेती में, वर्षा ऋतु के बाद प्रति 10-12 दिन में एक बार सिंचाई पर्याप्त हो सकती है, और 4-5 सिंचाई से अधिकतम उपज मिल सकती है।
सदाबहार में खरपतवार नियंत्रण (Weed control in periwinkles)
सदाबहार (Periwinkle) के खरपतवार नियंत्रण में हाथ से निराई, मल्चिंग और, जहाँ उपयुक्त हो, रासायनिक प्रयोग का संयोजन शामिल है। शुरुआती चरणों में, खासकर खरपतवारों के बीज बनने से पहले, हाथ से निराई करना और खरपतवारों को दबाने के लिए चावल के भूसे या कटी हुई घास जैसी सामग्री से मिट्टी को मल्च करना सबसे अच्छा है। बड़े पैमाने पर खेती के लिए, पूर्व-उद्भव शाकनाशी का उपयोग किया जा सकता है।
सदाबहार में रोग और कीट नियंत्रण (Disease and pest control in periwinkle)
सदाबहार (Periwinkle) के सामान्य कीटों में एफिड्स, स्पाइडर माइट्स, स्केल और व्हाइटफ़्लाइज शामिल हैं, जिन्हें कीटनाशक साबुन, नीम के तेल या लाभकारी कीटों के इस्तेमाल से नियंत्रित किया जा सकता है। प्रमुख रोग हैं डाइबैक (टहनी का झुलसा रोग), लीफ स्पॉट और येलो मोजेक, जिन्हें प्रतिरोधी किस्मों, संक्रमित पौधों को हटाने, उचित फसल चक्रण और मैन्कोजेब या कॉपर फंगससाइड जैसे कवकनाशी के इस्तेमाल से नियंत्रित किया जा सकता है। जड़ और तने की सड़न को रोकने के लिए उचित पानी देना भी जरूरी है।
सदाबहार की फसल की कटाई (Harvesting Periwinkles)
सदाबहार (Periwinkle) की जड़ों की कटाई लगभग 12 महीने बाद की जाती है और पत्तियों की कटाई दो बार, बुवाई के छह और नौ महीने बाद, की जा सकती है। जड़ों के लिए, हवाई भागों को जमीन से 7.5 सेमी ऊपर से काटें, फिर जड़ों को इकट्ठा करने के लिए मिट्टी को ढीला करने के लिए खेत में पानी भर दें।
पत्तियों और तनों को अलग-अलग इकट्ठा किया जा सकता है और परिपक्व बीज फलियों को मुख्य कटाई से कुछ महीने पहले अलग से काटा जाना चाहिए ताकि व्यवहार्य बीज प्राप्त हो सकें। सभी कटे हुए भागों को हवाबंद कंटेनरों में संग्रहीत करने से पहले छाया में धोकर सुखा लेना चाहिए।
सदाबहार की खेती से उपज (Yield from Periwinkle Cultivation)
सिंचाई के आधार पर पेरीविंकल (Periwinkle) की उपज में काफी अंतर होता है। सिंचित परिस्थितियों में लगभग 4 टन प्रति हेक्टेयर पत्तियाँ और 1.5 टन प्रति हेक्टेयर तने और जड़ें पैदा होती हैं। वर्षा आधारित परिस्थितियों में, उपज घटकर लगभग 2 टन प्रति हेक्टेयर पत्तियाँ और 0.75 टन प्रति हेक्टेयर तने और जड़ें रह जाती है। ये आँकड़े हवा में सूखने पर आधारित हैं और पौधे के औषधीय भागों को दर्शाते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न? (FAQs)
सदाबहार (Periwinkle) की खेती मुख्य रूप से तने की कटिंग या स्थापित पौधों को लगाने से की जाती है। इसके लिए अच्छी जल निकासी वाली, नम मिट्टी चुनें, और पौधे को धूप या आंशिक छाया वाली जगह पर लगाएं। रोपण के बाद, जड़ों के जमने तक मिट्टी को नम रखें, और बढ़ते मौसम के दौरान नियमित रूप से पानी और खाद दें।
सदाबहार (Periwinkle) गर्म, उष्णकटिबंधीय जलवायु और अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी में पनपता है। यह पूर्ण सूर्यप्रकाश को पसंद करता है और विभिन्न आर्द्रता स्तरों को सहन कर सकता है, जिससे यह भारत के अधिकांश क्षेत्रों के लिए उपयुक्त है।
सदाबहार (Periwinkle) की कुछ अच्छी किस्में हैं: अल्बा (सफेद फूल), एट्रोपुरपुरिया (बैंगनी फूल), और बाउल्स वैरायटी (नीले फूल जो तेजी से बढ़ते हैं)। इसके अतिरिक्त, जेकेल्स व्हाइट (सफेद फूल), फ्लोरे प्लेनो (दोहरे बैंगनी फूल) और स्टर्लिंग सिल्वर (नीले फूल और सफेद किनारों वाली पत्तियां) भी अच्छी विकल्प हैं। आपकी पसंद के फूल के रंग और जरूरत के आधार पर आप कोई भी किस्म चुन सकते हैं।
सदाबहार (Periwinkle) लगाने का सबसे अच्छा समय बसंत या पतझड़ है, जब मौसम ठंडा हो और बारिश अधिक होती है। गर्म जलवायु वाले क्षेत्रों में, पौधों को पतझड़ में लगाना सबसे अच्छा होता है ताकि गर्मी से तनाव से बचा जा सके। यदि आप बीजों से उगा रहे हैं, तो बीजों को सर्दियों के अंत या बसंत की शुरुआत में घर के अंदर बोएं, या अंतिम पाले के बाद उन्हें सीधे बाहर बोएं।
सदाबहार (Periwinkle) को बार-बार पानी नहीं देना चाहिए, बल्कि इसे तभी पानी दें जब मिट्टी की ऊपरी परत सूख जाए। रोपण के बाद, जब तक जड़ें स्थापित न हो जाएं, तब तक मिट्टी को नम रखने के लिए अक्सर पानी दें। एक बार स्थापित होने के बाद, इसे हफ्ते में एक बार या कम बार पानी दें, खासकर अगर इसे सीधी धूप मिल रही हो, क्योंकि ज्यादा पानी से जड़ें सड़ सकती हैं।
सदाबहार (Periwinkle) के लिए संतुलित उर्वरक जैसे कि 10-10-10 एनपीके सबसे अच्छा होता है। यह पौधे को स्वस्थ वृद्धि, जीवंत पत्तियों और अच्छी संख्या में फूलों के लिए आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करता है। आप जैविक विकल्पों जैसे मछली का इमल्शन या समुद्री शैवाल का अर्क भी इस्तेमाल कर सकते हैं, खासकर यदि मिट्टी उपजाऊ हो। खाद को बढ़ते मौसम के दौरान, आमतौर पर शुरुआती वसंत और मध्य गर्मियों में, देना चाहिए।
सदाबहार (Periwinkle) फसल की निराई-गुड़ाई बुआई के लगभग 60 दिन बाद और फिर 90 दिन बाद की जाती है। नियमित रूप से खरपतवार नियंत्रण के लिए, इसे हर 2 महीने के अंतराल पर करना भी फायदेमंद होता है।
सदाबहार (Periwinkle) को मुख्य रूप से एफिड्स, स्पाइडर माइट्स और पाउडरी मिल्ड्यू जैसे कीटों और फंगल रोगों से प्रभावित किया जा सकता है। इसके अलावा, तना झुलसा और पत्ती धब्बा जैसे अन्य फंगल रोग भी हो सकते हैं। इसके लक्षणों को रोकने और नियंत्रित करने के लिए पौधों की नियमित देखभाल और सही कृषि पद्धतियों को अपनाना महत्वपूर्ण है।
सदाबहार (Periwinkle) में किसान एकीकृत कीट प्रबंधन पद्धतियों के माध्यम से कीटों और रोगों का प्रबंधन कर सकते हैं, जिसमें नियमित निगरानी, जैविक कीटनाशकों का उपयोग और मृदा स्वास्थ्य बनाए रखने और रोग प्रसार को कम करने के लिए फसल चक्रण शामिल है।
सदाबहार (Periwinkle) को विकसित होने में अलग-अलग समय लगता है। यदि बीज से उगाया जाए, तो 120-130 दिन (लगभग 4-4.5 महीने) लग सकते हैं, जबकि कटिंग से 2-3 सप्ताह में जड़ें बन जाती हैं।
सदाबहार (Periwinkle) की खेती से प्रति हेक्टेयर 4 टन सूखी पत्तियां और 1.5 टन सूखे तने और जड़ें प्राप्त की जा सकती हैं, यह सिंचित परिस्थितियों में होता है। वर्षा-आधारित परिस्थितियों में, प्रति हेक्टेयर लगभग 0.75 टन पत्तियां और इतनी ही मात्रा में जड़ें प्राप्त होती हैं। उपज की मात्रा मिट्टी की उर्वरता और प्रबंधन जैसी विभिन्न कृषि पद्धतियों पर निर्भर करती है।
हाँ, सदाबहार (Periwinkle) को गमलों और बगीचों दोनों में उगाया जा सकता है, क्योंकि यह एक बहुमुखी और कम देखभाल वाला पौधा है। आप इसे गमलों, लटकती टोकरियों, बगीचों की क्यारियों या ग्राउंड कवर के रूप में उगा सकते हैं, जहाँ यह पूरे साल खूबसूरती और रंग जोड़ता है।
सदाबहार (Periwinkle) का उपयोग मुख्यतः पारंपरिक चिकित्सा में इसके एल्कलॉइड के लिए किया जाता है, जो मधुमेह, उच्च रक्तचाप और कुछ प्रकार के कैंसर जैसी विभिन्न स्थितियों के उपचार में प्रभावी पाए गए हैं।
महत्वपूर्ण औषधीय यौगिकों के उत्पादन के लिए दवा उद्योग में इसकी मांग के कारण सदाबहार (Periwinkle) की बाजार क्षमता महत्वपूर्ण है। इसके अतिरिक्त, सजावटी पौधे के रूप में इसकी लोकप्रियता बागवानी में इसके आर्थिक मूल्य को बढ़ाती है।





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