• Skip to primary navigation
  • Skip to main content
  • Skip to primary sidebar
  • Skip to footer
Krishak-Jagriti-Logo

Krishak Jagriti

Agriculture Info For Farmers

  • रबी फसलें
  • खरीफ फसलें
  • जायद फसलें
  • चारा फसलें
  • सब्जी फसलें
  • बागवानी
  • औषधीय फसलें
  • जैविक खेती
Home » Blog » Peanut Varieties in Hindi: जाने मूंगफली की किस्में

Peanut Varieties in Hindi: जाने मूंगफली की किस्में

November 20, 2024 by Bhupendra Dahiya Leave a Comment

Peanut Varieties in Hindi: जाने मूंगफली की किस्में

Groundnut Varieties in Hindi: अपनी बहुमुखी प्रतिभा और पोषण मूल्य के लिए जानी जाने वाली मूंगफली (Peanut) भारतीय कृषि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। देश के कृषि परिदृश्य के साथ गहराई से जुड़े एक समृद्ध इतिहास के साथ, मूंगफली भारत के विभिन्न क्षेत्रों में उगाई जाने वाली एक प्रमुख फसल है। मूंगफली की किस्में फसल चक्रण पद्धतियों में सहायता करके कृषि स्थिरता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। वे मिट्टी में नाइट्रोजन को ठीक करने और इसकी उर्वरता बढ़ाने की अपनी क्षमता के लिए जानी जाती हैं।

यह लेख भारत में उगाई जाने वाली मूंगफली की विभिन्न किस्मों की खोज करता है, उनकी विशेषताओं, खेती के तरीकों में क्षेत्रीय विविधताओं और कृषि स्थिरता के लिए इन किस्मों के महत्व पर प्रकाश डालता है। मूंगफली की किस्म (Peanut Varieties) के विकास में चुनौतियों और अवसरों पर चर्चा करते हुए, यह लेख भारत में मूंगफली की खेती को आकार देने वाली भविष्य की संभावनाओं और रुझानों पर भी नजर डालता है।

Table of Contents

Toggle
  • मूंगफली की उन्नत किस्में (Improved Varieties of Peanut)
  • मूंगफली की किस्मों की विशेषताएं और उपज (Characteristics and yield of peanut varieties)
  • अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न? (FAQs)

मूंगफली की उन्नत किस्में (Improved Varieties of Peanut)

क्षेत्र परीक्षण और तुलनात्मक अध्ययन विभिन्न मूंगफली किस्मों के उपज प्रदर्शन के बारे में मूल्यवान जानकारी प्रदान करते हैं। उपज स्थिरता, रोग प्रतिरोध और समग्र गुणवत्ता जैसे कारकों का मूल्यांकन करके, किसान इस बारे में सूचित निर्णय ले सकते हैं, कि उन्हें किस किस्म की खेती करनी है। मूंगफली की कुछ उन्नत किस्में (Peanut Varieties) राज्यवार इस प्रकार है, जैसे-

राज्य खरीफ की किस्मेंरबी की किस्में
राजस्थानएचएनजी – 10, गिरनार – 2, टीजी – 37ए, प्रकाश (सीएसएमजी – 884), अम्बर (सीएसएमजी -84- 1), उत्कर्ष (सीएसएमजी – 9510) जीजी – 14, जीजी – 21, एचएनजी – 69, एचएनजी- 123, राज मूँगफली – 1, टीबीजी – 39, प्रताप मूँगफली – 1, प्रताप मूँगफली – 2, दिव्या (सीएसएमजी -2003-19), जेएल – 501—
मध्य प्रदेशजेजीएन – 3, जेजीएन – 23, एके – 159, जीजी – 8—
हरियाणामल्लिका (आईसीएचजी 00440), मूंगफली हरियाणा – 4, पंजाब मूंगफली नंबर – 1, एमएच – 2, एम-13, आरजी – 425—
पंजाबएम – 548, गिरनार – 2, एचएनजी – 10, टीजी – 37ए, प्रकाश, अम्बर, उत्कर्ष, जीजी – 14, जीजी – 21, एचएनजी – 69, एचएनजी – 123, राज मूँगफली -1, एसजी – 99, पंजाब मूंगफली नंबर – 1—
गुजरातजीजी – 20, टीजी – 37A, जीजी – 7, जीजी – 5, जेएल – 501, जीजेजी – 31, एलजीएन – 2, डीएच – 86, जीजेजी- एचपीएस – 1, जीजेजी – 17, जीजेजी – 22जीजी – 2, टीजी – 37 ए, टीपीजी- 41, जीजी – 6, डीएच – 86, जीजेजी – 9, टीजी – 26
महाराष्ट्रएके – 159, जेएल – 220, जेएल – 286, जेएल – 501, एके – 303, एके – 265, रत्नेश्वर, टीएलजी – 45टीएजी – 24, डीएच – 86, जेएल – 286, कादिरी हरितेन्द्र
कर्नाटकजीपीबीडी – 4, टीजीएलपीएस – 3, अजेया, विजेथा, विआरआई(Gn) – 6, आईसीजीवी-91114टीएजी – 24, कादिरी हरितेन्द्र, टीजीएलपीएस – 3
आंध्र प्रदेशकादिरी – 6, नारायणी, आईसीजीवी – 91114, कादिरी – 9,जीपीबीडी – 4, अभया, प्रसुना, ग्रीष्मा, अजेया, विजेथा, कादिरी – 7, कादिरी – 8कादिरी – 6, कादिरी
हरितेन्द्र, आईसीजीवी-
00350, ग्रीष्मा
झारखंडबीएयू – 13, गिरनार – 3, जीपीबीडी – 5, विजेथाडीएच – 86, डीएच – 101, टीजी – 38बी, टीजी – 51
पूर्वोत्तर पर्वतीय क्षेत्रबीएयू – 13, आईसीजीएस – 76, आईसीजीवी – 86590, जीपीबीडी – 5टीएजी -24, डीएच – 86, डीएच – 101, टीजी – 38बी, टीजी – 51, टीजी – 37ए
ओडिशाओजी – 52-1, आईसीजीवी – 91114, गिरनार – 3ओजी – 52-1, टीएजी – 24, टीजी-37ए, टीजी – 51, डीएच – 86, डीएच – 101, टीजी-38 बी
तमिलनाडुविआरआई – 2, विआरआई (Gn) – 6, टीएमवी (Gn) – 13, को – 6, को (Gn) – 5, एएलआर – 2, विआरआई (Gn) – 7, जीपीबीडी – 4, आईसीजीवी – 00348बिआरआई – 2, टीएमबी (Gn) – 13, आईसीजीवी- 00350
उत्तर प्रदेशप्रकाश, अम्बर, एचएनजी – 10, गिरनार – 2, जीजी – 14, जीजी – 21, टीजी – 37ए, एचएनजी – 69, एचएनजी – 123, राज मूँगफली – 1, टीपीजी-41, विकास (जीपीबीडी 4), उतकर्ष, जीजी – 21 (जेएसएसपी 15), माल्लिका (आईसीएचजी- 00440), दिव्या (सीएस्एमजी-2003-19)डीएच – 86, टीजी – 37ए, दिव्या (सीएसएमजी -2003-
19)
उत्तराखंडविएल मूँगफली – 1—
पश्चिम बंगालगिरनार – 3टीएजी -24, टीजी – 37ए, टीजी – 51, डीएच – 86, डीएच-101, टीजी – 38बी

मूंगफली की किस्मों की विशेषताएं और उपज (Characteristics and yield of peanut varieties)

मूंगफली की किस्मों (Peanut Varieties) का चयन करते समय विभिन्न बढ़ती परिस्थितियों में उपज की स्थिरता एक महत्वपूर्ण पहलू है। विभिन्न पर्यावरणीय तनावों के तहत लगातार उपज प्रदर्शन प्रदर्शित करने वाली किस्में उनकी विश्वसनीयता और लचीलेपन के लिए अत्यधिक मांग में हैं। मूंगफली की कुछ किस्मों (Peanut Varieties) की विशेषताएं और पैदावार इस प्रकार है, जैसे-

एचएनजी- 10: इस मूंगफली किस्म (Peanut Varieties) की पकने की अवधि 125 से 130 दिन है। 1999 में अधिसूचित ऐसे क्षेत्र जहाँ अच्छी वर्षा होती हो या फिर जीवन रक्षक सिंचाई उपलब्ध हो के लिये उपयुक्त अर्द्ध विस्तारी किस्म है, दाने का रंग भूरा होता है। इस किस्म से औसत उपज 20-25 क्विंटल प्रति हेक्टर तक प्राप्त की जा सकती है।

जीजी- 2: यह मूंगफली की किस्म 120-125 दिन की अवधि में तैयार हो जाती है।1985 में अधिसूचित, पौधा छोटा अधिक फैलाव और गुच्छेदार होता हैं फलियाँ मध्यम आकार की एक दो बीज वाली होती हैं, बीज मध्यम गोलाई वाले गुलाबी रंग के होते हैं। इस मूंगफली किस्म (Peanut Varieties) से औसत पैदावार 25-30 क्विंटल प्रति हेक्टर तक प्राप्त की जा सकती है।

प्रकाश: इस मूंगफली किस्म की पकने की अवधि 115 से 120 दिन है। 1999 में अधिसूचित सिंचित और बारानी क्षेत्र के लिये उपयुक्त, दो बीज वाली, जालीयुक्त बोल्ड मूंगफली, मध्य विस्तारी गहरी हरी पत्तियाँ, पौधा 20-25 सेमी ऊँचा होता है। इस मूंगफली किस्म (Peanut Varieties) से औसत उपज 22-25 क्विंटल प्रति हेक्टर तक प्राप्त की जा सकती है।

जीजी- 7: यह मूंगफली की किस्म (Peanut Varieties) 90-105 दिन की अवधि में तैयार हो जाती है। वर्ष 2001 में अधिसूचित जीजी-2 के स्थान पर दक्षिण राजस्थान के बारानी असिंचित क्षेत्रों में खरीफ में उपुयक्त, मूंगफली मध्यम एवं चोंच युक्त कुछ मुड़ी हुई। प्रतिफली दो गुलाबी दाने, फली व दाना जीजी-2 से कुछ बड़ा, टिक्का रोगरोधित है। इस मूंगफली किस्म से औसत उपज 21-29 क्विंटल प्रति हेक्टर तक प्राप्त की जा सकती है।

जेएल- 24: इस मूंगफली किस्म की पकने की अवधि 90 से 100 दिन है। 1983 में अधिसूचित, गुच्छे वाली यह किस्म लम्बी और काफी अच्छी फुटन वाली, पौधों की ऊँचाई करीब 40 सेमी, एक फली में दो दाने, परन्तु तीन दाने भी मिल सकते हैं। दाने मध्यम आकार के एवं गुलाबी होते हैं। इस मूंगफली किस्म (Peanut Varieties) से औसत उपज 18-20 क्विंटल प्रति हेक्टर तक प्राप्त की जा सकती है।

एम- 13: यह मूंगफली की किस्म 140 से 145 दिन की अवधि में तैयार हो जाती है। 1978 में अधिसूचित यह फैलने वाली किस्म, फली मोटी एवं साफ दिखने वाली जाल वाली, फली में 3 तक दाने होते हैं। दाने हल्के गुलाबी रंग के एवं मोटे होते हैं। इस मूंगफली किस्म (Peanut Varieties) से औसत उपज 26-27 क्विंटल प्रति हेक्टर तक प्राप्त की जा सकती है।

गिरनार- 2: इस मूंगफली किस्म की पकने की अवधि 121 से 135 दिन है। 2008 में अधिसूचित यह गुच्छे वाली मोटे दाने वाली, रतुआ एवं लेट ब्लाईट (धब्बा रोग) के प्रति सहनशील होती है। इस मूंगफली किस्म (Peanut Varieties) से औसत उपज 20 से 25 क्विंटल प्रति हेक्टर तक प्राप्त की जा सकती है।

टीबीजी- 39: यह मूंगफली की किस्म 118 से 125 दिन की अवधि में तैयार हो जाती है। 2007 में अधिसूचित, यह मध्यम फैलने वाली तथा दाने बढ़े आकार के होते हैं। इस मूंगफली किस्म (Peanut Varieties) से औसत उपज 18-20 क्विंटल प्रति हेक्टर तक प्राप्त की जा सकती है।

आरजी- 382: यह मूंगफली की किस्म 115 से 125 दिन की अवधि में तैयार हो जाती है। 2005 में अधिसूचित, यह फैलने वाली किस्म तथा दाने बढ़े आकार के होते हैं। इस मूंगफली किस्म (Peanut Varieties) से औसत उपज 18-20 क्विंटल प्रति हेक्टर तक प्राप्त की जा सकती है।

आरजी- 425: इस मूंगफली किस्म की पकने की अवधि 120 से 125 दिन है। 2011 में अधिसूचित। यह मध्यम फैलने वाली किस्म, सूखा के प्रति सहनशील एवं कलर रोट के प्रति रोगरोधी है। इस मूंगफली किस्म (Peanut Varieties) से औसत उपज 18 से 26 क्विंटल प्रति हेक्टर तक प्राप्त की जा सकती है।

टीजी- 37ए: यह मूंगफली की किस्म 122 से 125 दिन की अवधि में तैयार हो जाती है। 2004 में अधिसूचित, यह कम फैलने वाली तथा दाने छोटे आकार के होते हैं। इस मूंगफली किस्म (Peanut Varieties) से औसत उपज 18-20 क्विंटल प्रति हेक्टर तक प्राप्त की जा सकती है।

एचएनजी- 69: इस मूंगफली किस्म (Peanut Varieties) की पकने की अवधि 118 से 125 दिन है। 2010 में अधिसूचित, यह कलर रोट, तना गलन के प्रति रोगरोधी एवं जल्दी ब्लाईट ( धब्बा रोग) के प्रति सहनशील । इस मूंगफली किस्म से औसत उपज 25 से 28 क्विंटल प्रति हेक्टर तक प्राप्त की जा सकती है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न? (FAQs)

मूंगफली की कितनी किस्में हैं?

भारत में अब तक 194 से अधिक मूंगफली की किस्में (Peanut Varieties) जारी की जा चुकी हैं, जबकि दक्षिण अमेरिकी महाद्वीप मूंगफली का जन्मस्थान है और भारत में मूंगफली के प्रजनन और सुधार पर शोध केवल एक सदी पुराना है।

मूंगफली की सबसे बड़े दानों वाली किस्म कौन सी है?

वर्जीनिया मूंगफली – सबसे बड़े दानों वाली मूंगफली की किस्म (Peanut Varieties), वर्जीनिया मूंगफली अपने स्वादिष्ट स्वाद के कारण नाश्ते में खाने के लिए बेशकीमती मूंगफली है, जो मुख्य रूप से दक्षिण-पूर्वी वर्जीनिया की रेतीली मिट्टी में उगाई जाती है।

मूंगफली की देसी किस्म कौन सी है?

भारतीय मूंगफली कई किस्मों में उपलब्ध है: बोल्ड या रनर, जावा या स्पैनिश और रेड नेटल। भारत में उत्पादित मूंगफली की मुख्य किस्में हैं; कदिरी- 2, कदिरी- 3, बीजी- 1, बीजी- 2, कुबेर, जीएयूजी- 1, जीएयूजी- 10, पीजी- 1, टी- 28, टी- 64, चंद्रा, चित्रा, कौशल, प्रकाश, अंबर, आदि।

तेल के लिए कौन सी मूंगफली सबसे अच्छी है?

प्रीमियम मूंगफली तेल को हाई-ओलिक मूंगफली तेल के रूप में निर्धारित किया जा सकता है, जिसे भारत में गिरनार- 4 और गिरनार- 5 मूंगफली किस्मों की शुरूआत के साथ संभव बनाया गया है।

मूंगफली की सबसे बेस्ट किस्म कौन सी है?

झुमका किस्म हेवी सॉइल (भारी मिट्टी) के लिए उपयोगी मानी जाती है। दूसरी अर्द्ध विकसित और विकसित किस्में लाइट सॉइल के लिए उपयुक्त रहती है। झुमका में उन्नत किस्म टी जी – 37-ए, अर्द्ध विस्तारी किस्म में आरजी – 599-3 और आरजी – 425 को अच्छा माना गया है। विस्तारी किस्म में आरजी – 510 अच्छी है।

मूंगफली की सबसे अच्छी स्वाद वाली किस्म कौन सी है?

धावक मूंगफली: ये मूंगफली की किस्में (Peanut Varieties) स्वादिष्ट स्वाद, उत्कृष्ट भूनने की विशेषताओं और उच्च उपज से भरपूर हैं।

मूंगफली की जल्दी पकने वाली किस्म कौन सी है?

जी- 510, पीजी- 1, एम-335, एम- 522 और गंगापुरी आदि प्रचलित मूंगफली की जल्दी पकने वाली किस्में है।

मूंगफली की उन्नत किस्में कौन सी है?

मूंगफली की अच्छी उन्नत किस्में आरजी 425, एमए 10, एम 548, टीजी 37ए, जी 201 प्रमुख हैं। इनके अलावा अन्य किस्में एके 12, -24, जी जी 20, सी 501, जी जी 7, आरजी 425, आरजे 382 आदि प्रचलित हैं।

मूंगफली की हाइब्रिड किस्में कौन सी है?

मूंगफली की कुछ संकर किस्में ये हैं: एएलजी -06-320, आईसीजीवी 00350, जीजेजी 33 (आईसीजीवी 07222), अवतार (आईसीजीवी 93468), जेजीएन- 23, टीजी- 37ए, जेएल- 501, जीजी- 20, एचएनजी- 123, आरजी- 425 आदि प्रमुख है।

Related Posts

Nutmeg Cultivation in Hindi: जायफल की खेती कैसे करें
Nutmeg Cultivation in Hindi: जायफल की खेती कैसे करें
Maize Varieties in Hindi: जानिए मक्का की किस्में
Maize Varieties in Hindi: जानिए मक्का की किस्में
Sugarcane Cultivation: जाने गन्ने की खेती कैसे करें
Sugarcane Cultivation: जाने गन्ने की खेती कैसे करें
Proso Millet Farming in Hindi: सांवा की खेती कैसे करें
Proso Millet Farming in Hindi: सांवा की खेती कैसे करें

Reader Interactions

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Primary Sidebar

  • Facebook
  • LinkedIn
  • Twitter

Recent Posts

  • Plum Cultivation in Hindi: जाने बेर की बागवानी कैसे करें
  • Water Chestnut Farming: सिंघाड़े की बागवानी कैसे करें
  • Pineapple Farming in Hindi: अनानास की बागवानी कैसे करें
  • Grapes Cultivation in Hindi: अंगूर की बागवानी कैसे करें
  • Sweet Lime Farming in Hindi: मौसंबी की बागवानी कैसे करें

Footer

Copyright © 2025 Krishak Jagriti

  • Blog
  • About Us
  • Privacy Policy
  • Disclaimer
  • Terms & Conditions
  • Sitemap
  • Contact Us