• Skip to primary navigation
  • Skip to main content
  • Skip to primary sidebar
  • Skip to footer
Krishak-Jagriti-Logo

Krishak Jagriti

Agriculture Info For Farmers

  • रबी फसलें
  • खरीफ फसलें
  • जायद फसलें
  • चारा फसलें
  • सब्जी फसलें
  • बागवानी
  • औषधीय फसलें
  • जैविक खेती
Home » Blog » Cabbage Farming in Hindi: जानिए पत्ता गोभी कैसे उगाएं

Cabbage Farming in Hindi: जानिए पत्ता गोभी कैसे उगाएं

August 30, 2024 by Bhupendra Dahiya Leave a Comment

Cabbage Farming in Hindi: जानिए पत्ता गोभी कैसे उगाएं

Cabbage Cultivation in Hindi: पत्ता गोभी जैसे की नाम से मालूम होता है, की यह एक पत्तेदार सब्जी है। जो हमारे लिए बहुत उपयोगी होती है। इसे बंद गोभी के नाम से भी जाना जाता है। भारत में आने के बाद इस सब्जी का उत्पादन सारे देश में किया जाने लगा। लेकिन इसकी उत्पत्ति भूमध्यसागरीय क्षेत्र से हुई है। इस सब्जी को सबसे पहले पुर्तगालियों के द्वारा भारत में लाया गया था। इसकी खेती रबी के फसल के रूप में की जाती है।

इस सब्जी में पोषक तत्वों की अधिक मात्रा पाई जाती है। बंद गोभी को सब्जी के रूप में और सलाद के रूप में उपयोग किया जाता है। इसे सुखाकर आचार के रूप में भी प्रयोग किया जाता है। बंद गोभी में विटामिन ए और सी, कैलिशयम एवं फास्फोरस की मात्रा पाई जाती है। जो मनुष्य के शरीर के लिए लाभदायक होते है। इस लेख में पत्ता गोभी (Cabbage) की वैज्ञानिक तकनीक से खेती कैसे करें का उल्लेख किया गया है।

Table of Contents

Toggle
  • पत्ता गोभी की खेती के लिए उपयुक्त जलवायु (Suitable climate for cabbage cultivation)
  • पत्ता गोभी की खेती के लिए भूमि का चुनाव (Selection of land for cabbage cultivation)
  • पत्ता गोभी की खेती के लिए खेत की तैयारी (Preparation of field for cabbage cultivation)
  • पत्ता गोभी की खेती के लिए उन्नत किस्में (Advanced varieties for cabbage cultivation)
  • पत्ता गोभी की खेती के लिए बुवाई का समय (Sowing time for cabbage cultivation)
  • पत्ता गोभी की खेती के लिए बीज की मात्रा (Seed quantity for cabbage cultivation)
  • पत्ता गोभी की खेती के लिए नर्सरी लगाना (Raising nursery for cabbagecultivation)
  • पत्ता गोभी की खेती के लिए पौधा रोपण (Planting for Cabbage Cultivation)
  • पत्ता गोभी की फसल में खाद और उर्वरक (Manure and fertilizers in cabbage crop)
  • पत्ता गोभी की फसल में सिंचाई प्रबंधन (Irrigation Management in CabbageCrop)
  • पत्ता गोभी की फसल में खरपतवार नियंत्रण (Weed control in cabbagecrop)
  • पत्ता गोभी की फसल में रोग नियंत्रण (Disease control in cabbage crop)
  • पत्ता गोभी की फसल में कीट नियंत्रण (Pest control in cabbage crop)
  • पत्ता गोभी फसल के फलों की कटाई (Harvesting of cabbage crop fruits)
  • पत्ता गोभी फसल से उपज की प्राप्ति (Yield from cabbage crop)
  • अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न? (FAQs)

पत्ता गोभी की खेती के लिए उपयुक्त जलवायु (Suitable climate for cabbage cultivation)

जलवायु की उपयुक्तता के कारण बंद गोभी (Cabbage) की दो फसलें ली जा सकती है। भारत में पहाड़ी इलाके में अधिक ठंड होती है जिसके कारण इसकी फसल गर्मी के मौसम में और बसंत के मौसम में ली जाती है। बंद गोभी की अच्छे उत्पादन और वृद्धि के लिए ठंडी और आद्र जलवायु अच्छी मानी जाती है। इस फसल में पाले और अधिक गर्मी सहन करने की क्षमता होती है।

बंद गोभी के बीज में जब अंकुरण होने लगे तो मौसम का तापमान 28 से 30 डिग्री सेल्सियस का होना चाहिए। इस तापमान पर बीज का अंकुरण अच्छी तरह से होता है। बंद गोभी में एक अच्छी बात यह है कि इसे अगर खेत में उगाते है और ठंड में थोडा सा पाला पड़ जाये तो बंद गोभी का स्वाद अच्छा हो जाता है। इसकी अच्छी पैदावार के लिए 15 से 20 डिग्री सेंटीग्रेट तापमान सर्वोत्तम होता है।

पत्ता गोभी की खेती के लिए भूमि का चुनाव (Selection of land for cabbage cultivation)

पत्ता गोभी की खेती (Cabbage Cultivation) करने के लिए भूमि का चुनाव इसकी किस्म पर निर्भर करता है। यदि अगेती किस्म उगाई जा रही हो तो रेतीली दोमट मिटटी सबसे अच्छी मानी जाती है और यदि पछेती फसल उगाई जा रही हो, तो भारी भूमि जैसे मृतिका सिल्ट या दोमट मिट्टी बेहतर होती है। उस भूमि का पीएच मान 5 से 7.5 का हो तो अच्छा होता है। अम्लीय से हल्की क्षारीय दोमट मिट्टी विशेष उपयोगी है।

पत्ता गोभी की खेती के लिए खेत की तैयारी (Preparation of field for cabbage cultivation)

बंद गोभी की फसल (Cabbage Crop) को उगाने से पहले खेत की मिट्टी पलटने वाले हल से या कल्टीवेटर से जुताई करें। इसी प्रकार लगभग 3 या 4 बार गहरी जुताई करके खेत में पाटा लगाकर भूमि को समतल बना लें। अच्छे उत्पादन के लिए अंतिम जुताई से पहले 20 से 30 टन पूर्ण रूप से तैयार गोबर की खाद प्रति हेक्टेयर मिट्टी में डालें। इसके बाद ही फसल को लगायें।

पत्ता गोभी की खेती के लिए उन्नत किस्में (Advanced varieties for cabbage cultivation)

बंद गोभी (Cabbage) की किस्मों को इसके रंग, रूप, समय और आकार के आधार पर तीन भागों में बाँटा गया है। पहली अगेती किस्में, दूसरी मध्यम किस्में और तीसरी, पिछेती किस्में जो इस प्रकार है, जैसे-

अगेती किस्म: प्राइड ऑफ इण्डिया, मीनाक्षी, गोल्डन एकर और अर्ली ड्रमहेड आदि।

मध्यम किस्म: अर्ली सॉलिड ड्रम हेड, पूसा मुक्त आदि प्रमुख है।

पछेती किस्म: लेट ड्रम हेड, पूसा ड्रम हेड, एक्स्ट्रा अर्ली एक्स्प्रक्स, लार्ड माउंटेन हेड कैबेज लेट, सेलेक्टेड डब्ल्यू डायमंड, सेलेक्शन – 8 और क्वीईसिस्ट्स आदि।

पत्ता गोभी की खेती के लिए बुवाई का समय (Sowing time for cabbage cultivation)

पत्ता गोभी (Cabbage) को बोने का समय इसकी किस्म पर आधारित होता है। मैदानी भागो में अगेती खेती के लिए अगस्त के अंतिम सप्ताह सितम्बर मध्य तक नर्सरी में बीज की बुवाई कर देनी चाहिए। मध्यम एवं पछेती किस्मों लिए 15 सितम्बर से अक्टूबर अंत तक बीज की बुवाई कर देनी चाहिए। बीज की बुवाई यदि समय पर की जाती है तो इसका सीधा प्रभाव उपज पर देखने को मिलता है।

पत्ता गोभी की खेती के लिए बीज की मात्रा (Seed quantity for cabbage cultivation)

बंद गोभी (Cabbage) की अगेती किस्मों के लिए 500 ग्राम बीज की मात्रा एक हेक्टेयर भूमि के लिए पर्याप्त होती है। इसके आलावा पिछेती किस्मों के लिए 400 ग्राम प्रति एक हेक्टेयर बीज की मात्रा काफी होती है। पत्तागोभी की अगेती खेती में कुछ पौधों के मरने की संभावना रहती है। इसलिए अधिक बीज की आवश्यकता होती है।

पत्ता गोभी की खेती के लिए नर्सरी लगाना (Raising nursery for cabbagecultivation)

पत्ता गोभी (Cabbage) के एक हेक्टेयर खेत में पौधा रोपन के लिए 75 से 100 वर्गमीटर की पौधाशाला में बीज की बुवाई करनी चाहिए। पौधाशाला किसी ऊँचे स्थान पर बनाएं जहाँ जल जमाव न हो। पौधशाला की मिट्टी भुरभुरी होनी चाहिए तथा पर्याप्त मात्रा में गोबर की सड़ी हुई खाद या वर्मी कम्पोस्ट का उपयोग करना चाहिए।

पत्ता गोभी की खेती के लिए पौधा रोपण (Planting for Cabbage Cultivation)

बंद गोभी (Cabbage) पौध रोपण के पूर्व खेत को क्यारियों में बाँट लें। इससे निराई-गुड़ाई में सुविधा होगी। सिंचाई के लिए भी क्यारियाँ सुविधाजनक होती है। तैयार पौधा को 45 सेंटीमीटर कतार से कतार और 45 सेंटीमीटर पौधे से पोधे की दूरी पर सायं काल में पौधा की रोपाई कर सिंचाई कर देनी चाहिए।

पत्ता गोभी की फसल में खाद और उर्वरक (Manure and fertilizers in cabbage crop)

बंद गोभी (Cabbage) की अच्छी पैदावार के लिए खेत में पर्याप्त मात्रा में जीवांश का होना अत्यंत आवश्यक है। इसलिए खेत में 20 से 30 टन गोबर की सड़ी खाद या कम्पोस्ट अंतिम जुताई के समय अच्छी तरह से मिला दें। यदि खेत में रासायनिक खाद का प्रयोग करना है, तो लगभग 120 किलो नाइट्रोजन, 50 से 60 किलो फास्फोरस की मात्रा और 50 से 60 किलो पोटाश की मात्रा काफी होती है। नाइट्रोजन की आधी मात्रा फास्फोरस और पोटाश की पूरी मात्रा को मिलाकर खेत में बिखेर दें। इस खाद के प्रयोग करने के एक महीने बाद बाकी बची हुई नाइट्रोजन की मात्रा भूमि में मिला दें।

पत्ता गोभी की फसल में सिंचाई प्रबंधन (Irrigation Management in CabbageCrop)

बंद गोभी की फसल (Cabbage Crop) में सिंचाई की बहुत आवश्कता होती है। क्योंकि जिस भूमि में बंद गोभी की फसल उगाई जा रही हो उस भूमि में नमी हमेशा रहनी चाहिए। जिसके लिए हमे समय-समय पर सिंचाई करते रहना चाहिए। पत्ता गोभी की फसल में 7 से 10 दिन के अन्तराल पर सिंचाई करते रहे। लेकिन जब इसकी फसल तैयार हो रही हो खेत में ज्यादा सिंचाई ना करें। नहीं तो गोभी के फल फट सकते है।

पत्ता गोभी की फसल में खरपतवार नियंत्रण (Weed control in cabbagecrop)

बंद गोभी की फसल (Cabbage Crop) में अनचाहे खरपतवार को दूर करने के लिए एक बार सिंचाई करने के बाद हल्की- हल्की निराई और गुड़ाई करनी चाहिए। इसकी फसल में ज्यादा गहरी निराई ना करें नही तो गोभी की जड़े कट सकती है। निराई-गुड़ाई करने के 4 से 6 सप्ताह के बाद मिटटी चढ़ा देनी चाहिए। व्यावसायिक स्तर पर खेती के लिए खरपतवारनाशी पेंडीमेथालिन 3.3 लीटर को 1000 लीटर पानी में घोलकर प्रति हेक्टेयर छिड़काव रोपने के पहले काफी लाभदायक होता है।

पत्ता गोभी की फसल में रोग नियंत्रण (Disease control in cabbage crop)

ब्लैक लैग: पौधे में यह रोग उस स्थान पर होता है ,जंहा नमी होती है। पौधे में यह रोग बीजों के कारण होता है। जिससे पौधे की जड़ सड़ जाती है। फलस्वरूप पौधा मुरझाकर भूमि पर गिर जाता है। पौधे में यह बीमारी एक फफूंदी के कारण होती है जिसका नाम फोमा लिंगमा है।

नियंत्रण: इसकी रोकथाम करने के लिए पत्ता गोभी (Cabbage) बीज को बोने से पहले उपचारित करें। बीजो को गौमूत्र या कैरोसिन, नीम के तेल से उपचारित करना चाहिए।

मृदु रोमिल आसिता: पौधे में यह बीमारी एक फफूँदी के कारण होती है। इसका कुप्रभाव छोटे-छोटे पौधे पर होता है जिसके कारण हरा-भरा पौधा रंग विहीन हो जाता है।

नियंत्रण: इसके नियंत्रण के लिए अजोक्सिस्ट्रोबिन 23% एससी 200 मिली प्रति एकड़ की दर से 200 लीटर पानी में मिलकर फसल पर छिड़काव करें।

पत्ता गोभी की फसल में कीट नियंत्रण (Pest control in cabbage crop)

कैबेज मैगेट: यह कीट तापमान अधिक होने पर बंद गोभी (Cabbage) की जड़ों को नुकसान पहुँचता है, जिसके कारण बंद गोभी का पौधा सूख जाता है। इसकी रोकथाम करना बहुत जरूरी है।

नियंत्रण: इस कीट के कुप्रभाव से बचने के लिए खेत में नीम की खाद का प्रयोग करना चाहिए।

डायमंड बैंकमोथ: यह कीट भूरे या कत्थई रंग का होता है। इसकी लम्बाई लगभग 1 सेंटीमीटर की होती है और इसके अंडे 0.5 मिलीमीटर व्यास के आकार के होते है। इस कीट की सूंड़ी एक सेंटीमीटर लम्बी होती है जिससे यह पौधे की पत्तियों के किनारे वाले हिस्से को खा जाती है।

नियंत्रण: नीम की पत्तियों का काढ़ा बनाएं और इस काढ़े को गौमूत्र में मिला दें। इन दोनों के मिश्रण की 500 मिलीलीटर की मात्रा को किसी पम्प में डालकर बंद गोभी की फसल पर तरबतर करके छिड़काव करें। इस छिड़काव से पौधे में हुए कीटों के प्रभाव को दूर किया जा सकता है।

पत्ता गोभी फसल के फलों की कटाई (Harvesting of cabbage crop fruits)

जब बंद गोभी की फसल (Cabbage) पूरी तरह विकसित हो जाये और ठोस हो जाये तो ही इसकी कटाई करनी चाहिए। भारत के मैदानी भागों में दिसंबर के महीने में मध्य में बंद गोभी की कटाई की जाती है, लेकिन पहाड़ी भागों में इसकी कटाई दो बार की जाती है। बंद गोभी की पहली कटाई सितम्बर से दिसंबर में की जाती है और दूसरी बार मार्च से जून में की जाती है।

पत्ता गोभी फसल से उपज की प्राप्ति (Yield from cabbage crop)

बंद गोभी (Cabbage) की उपज इसकी किस्म और अच्छी देखभाल पर आधारित होती है। उपरोक्त वैज्ञानिक विधि से बंद गोभी की अगेती किस्म से हमे 200 से 300 क्विंटल प्रति एक हेक्टेयर और पिछेती किस्म से 250 से 350 क्विंटल तक की उपज प्राप्त हो जाती है। संकर किस्मों से 400 से 550 क्विंटल प्रति हैक्टेयर की पैदावार आसानी से प्राप्त की जा सकती है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न? (FAQs)

बंद गोभी की खेती कैसे की जाती है?

पत्ता गोभी (Cabbage) की बिजाई के लिए दो तरीके प्रयोग किए जाते हैं। नर्सरी में सबसे पहले बिजाई करें और खादों का प्रयोग आवश्यकता के अनुसार करें। बिजाई के 25-30 दिनों के बाद नए पौधे रोपाई के लिए तैयार हो जाते हैं। खेत में पौध की रोपाई के लिए 3-4 सप्ताह पुराने पौधों का प्रयोग करें।

पत्ता गोभी के लिए कौन सी जलवायु अच्छी होती है?

बंद गोभी (Cabbage) एक ठंडे मौसम की सब्जी है, जो 60 से 65 डिग्री फारेनहाइट के बीच औसत तापमान पर सबसे अच्छी तरह से बढ़ती है और 75 डिग्री फारेनहाइट से अधिक पर नहीं होती है। 35 से 50 डिग्री फारेनहाइट के बीच ठंडे तापमान की लंबी अवधि (10 दिन या उससे अधिक) समय से पहले फूल आने का कारण बन सकती है।

पत्ता गोभी के लिए कौन सी मिट्टी अच्छी होती है?

पत्ता गोभी (Cabbage) को वैसे तो हर प्रकार की मिट्टी में उगाया जा सकता है, लेकिन अच्छी जल निकासी वाली दोमट मिट्टी जिसमें नमी धारण करने की अच्छी क्षमता हो, वहां पर पत्ता गोभी का उत्पादन बहुत अच्छा होता है। पत्ता गोभी के लिए मिट्टी का पीएच 5.5 से 6.5 के बीच होना जरूरी है।

बंद गोभी की सबसे अच्छी किस्म कौन सी है

गोल्डन एकर, पूसा मुक्त, पूसा ड्रमहेड, क-1, प्राइड ऑफ़ इंडिया, कोपन हगें, गंगा, पूसा सिंथेटिक, श्रीगणेश गोल, हरयाणा, कावेरी और बजरंग आदि पत्ता गोभी (Cabbage) की प्रचलित किस्में है।

पत्ता गोभी कौन से महीने में लगाई जाती है?

किसान इसे सितंबर से अक्टूबर तक क्यारियों में बिजाई कर सकते हैं। पौध 40-45 दिनों में रोपाई के लिए तैयार हो जाती है। बीज की मात्रा 200 से 250 ग्राम प्रति एकड़ होनी चाहिए। इसकी पौध फूल गोभी की तरह तैयार होती है।

पत्ता गोभी की सिंचाई कब करें?

मिट्टी और मौसम के आधार पर इसके पौधों की सिंचाई करते रहें। गर्मियों के मौसम में इन्हे हफ्ते में एक से दो दिन सिंचाई की आवश्यकता होती है, वही बारिश के मौसम में इन्हे जरूरत पड़ने पर ही पानी देना चाहिए। साथ ही सर्दियों में पत्ता गोभी (Cabbage) के खेत की सिंचाई 12 से 15 दिनों के अंतराल पर करें।

बंद गोभी की कटाई कब करते हैं?

अधिकांश किस्मों में, रोपाई के 75 से 90 दिनों के बाद पत्ता गोभी (Cabbage) की फसल तैयार हो जाती है। बहुत जल्दी बढ़ने वाली किस्में भी होती हैं, जिन्हें रोपाई के 55 दिनों में काटा जा सकता है। कुछ देर से बढ़ने वाली किस्में रोपाई के लगभग 95-105 दिन बाद परिपक्व होती हैं।

पत्ता गोभी से कितनी उपज प्राप्त होती है?

आमतौर पर पत्ता गोभी फसल (Cabbage Crop) की अवधि 60-120 दिन होती है। औसत उत्पादन 200-500 क्विंटल प्रति हेक्टेयर होती है।

Related Posts

Broccoli Farming in Hindi: जाने ब्रोकली की खेती कैसे करें
Broccoli Farming in Hindi: जाने ब्रोकली की खेती कैसे करें
Pointed Gourd Farming in Hindi: परवल की खेती कैसे करें
Pointed Gourd Farming in Hindi: परवल की खेती कैसे करें
Lettuce Farming in Hindi: जाने लेट्यूस की खेती कैसे करें
Lettuce Farming in Hindi: जाने लेट्यूस की खेती कैसे करें
Globe Artichoke Farming: जाने ग्लोब आटिचोक कैसे उगाएं
Globe Artichoke Farming: जाने ग्लोब आटिचोक कैसे उगाएं

Reader Interactions

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Primary Sidebar

  • Facebook
  • LinkedIn
  • Twitter

Recent Posts

  • Kiwi Fruit Cultivation: कीवी फल की बागवानी कैसे करें
  • Fox Nut Cultivation in Hindi: मखाना की खेती कैसे करें
  • Plum Cultivation in Hindi: जाने बेर की बागवानी कैसे करें
  • Water Chestnut Farming: सिंघाड़े की बागवानी कैसे करें
  • Pineapple Farming in Hindi: अनानास की बागवानी कैसे करें

Footer

Copyright © 2025 Krishak Jagriti

  • Blog
  • About Us
  • Privacy Policy
  • Disclaimer
  • Terms & Conditions
  • Sitemap
  • Contact Us